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Friendship Day : India

Friendship Day in India: Date, Traditions, and Celebrations (Sunday, 3 August 2025) Date: Sunday, 3 August 2025 Day: Sunday Observed on: First Sunday of August every year Friendship Day in India is a heartfelt celebration of companionship, loyalty, and love between friends. Scheduled for Sunday, 3 August 2025, the day holds a special place among Indian youth, who actively take part in this joyful occasion. Unlike official government holidays, Friendship Day is more of a social and emotional celebration that originated from Western customs but has taken on a deeply Indian flavor over the years.

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कारगिल विजय दिवस : वीरता और बलिदान की अमर गाथा

26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए गौरव, सम्मान और देशभक्ति से भरा दिन है। यह दिन है कारगिल विजय दिवस का – उस ऐतिहासिक क्षण का जब भारतीय सेना ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ी गई कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। यह दिन न केवल सैनिकों के बलिदान को याद करने का अवसर है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को देश के प्रति समर्पण और साहस का संदेश भी देता है।


कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि

कारगिल युद्ध मई से जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया था। पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर के कारगिल सेक्टर की ऊँचाई वाली भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया था। उनका उद्देश्य था सियाचिन ग्लेशियर से भारतीय सेना को हटाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को उठाना। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारतीय सेना अपने वीरों की कुर्बानी देकर भी मातृभूमि को मुक्त करवा लेगी।

 ऑपरेशन विजय

भारतीय सेना ने इस घुसपैठ को हटाने के लिए "ऑपरेशन विजय" नामक सैन्य अभियान शुरू किया। बर्फीले तूफानों, दुर्गम पर्वतीय इलाकों और दुश्मन की गोलीबारी के बीच भारतीय जवानों ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन के दौरान 500 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए और हजारों घायल हुए। लेकिन अंततः 26 जुलाई 1999 को भारत ने युद्ध में निर्णायक जीत दर्ज की।

वीर जवानों की अमर कहानियाँ


इस युद्ध में कई ऐसे वीर जवान सामने आए जिन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया।

कैप्टन विक्रम बत्रा ("ये दिल मांगे मोर!") – जिन्होंने अपने अद्वितीय साहस और नेतृत्व से दुश्मनों को पीछे हटाया।

लेफ्टिनेंट मनोज पांडे – जिन्होंने गोली लगने के बावजूद कई बंकर तबाह किए।

राइफलमैन संजय कुमार और ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव – दोनों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

इनकी कहानियाँ आज भी हर भारतीय के रोंगटे खड़े कर देती हैं।

कारगिल विजय दिवस का महत्त्व

यह दिन केवल एक सैन्य विजय का दिन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति, बलिदान और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं –

अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट, और ड्रास वॉर मेमोरियल में श्रद्धांजलि समारोह

स्कूलों और कॉलेजों में देशभक्ति गीत, भाषण, और परेड

सैनिक परिवारों को सम्मानित करने के आयोजन

यह दिन हर भारतीय को याद दिलाता है कि देश की स्वतंत्रता और सीमाओं की रक्षा के लिए अनेक वीरों ने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।

 नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

कारगिल विजय दिवस न केवल इतिहास है, बल्कि यह भविष्य की प्रेरणा भी है। यह दिन युवाओं में देश के प्रति समर्पण, त्याग और कर्तव्य की भावना को प्रज्वलित करता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज हम जो भी स्वतंत्रता और सुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं, वह उन्हीं जवानों की देन है।

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