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Salmon Skin Leather

Introduction Salmon skin leather is an eco-friendly, innovative, and surprisingly luxurious material made from the by-products of the fishing industry. What was once discarded as waste has now become a symbol of sustainable fashion and design. The leather, made from the skin of salmon fish, combines strength, flexibility, and a unique scaly texture that resembles exotic leathers such as snake or lizard skin—yet it’s cruelty-free and environmentally conscious. In recent years, salmon leather has gained global recognition as an ethical alternative in the luxury goods market, being used by high-end designers, sustainable brands, and even car interiors. Origin and History The use of fish skin as leather is not new. Indigenous Arctic and Nordic communities, such as the Inuit and Sami people, have used salmon and cod skin for centuries to make shoes, bags, and garments. The tradition faded with the rise of industrial leather production, but modern interest in sustainable materials has revive...

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बारिश और अलग-अलग देशों का मौसम पैटर्न


बारिश (Rainfall) पृथ्वी के मौसम चक्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल पेड़-पौधों और कृषि के लिए ही नहीं, बल्कि जलवायु, पर्यावरण और मानव जीवन पर भी सीधा असर डालती है। दिलचस्प बात यह है कि अलग-अलग देशों में बारिश के पैटर्न और मौसम की स्थितियाँ एक जैसी नहीं होतीं। आज हम भारत, ब्राज़ील और ऑस्ट्रेलिया के मौसम और बारिश की विशेषताओं पर नज़र डालेंगे।


भारत – मॉनसून की धरती


भारत को "मॉनसून देश" कहा जाता है क्योंकि यहाँ बारिश साल के एक खास समय में भारी मात्रा में होती है। उत्तर भारत (जैसे गाज़ियाबाद, दिल्ली, उत्तर प्रदेश) में सितंबर के महीने तक मॉनसून सक्रिय रहता है।

अधिकतम तापमान 32–33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25–26 डिग्री सेल्सियस रहता है।

बादल छाए रहते हैं और गरज-चमक के साथ बौछारें होती हैं।

कभी-कभी भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो जाती है।

मॉनसून भारत की कृषि व्यवस्था का आधार है। धान, गन्ना और दालों जैसी फसलें सीधे इस पर निर्भर रहती हैं। हाल ही में विश्व मौसम संगठन (WMO) ने संकेत दिया है कि 2025 में La Niña का असर हो सकता है, जिससे भारत में मॉनसून और भी तीव्र हो सकता है।

ब्राज़ील – सौम्य और संतुलित बारिश


ब्राज़ील का रियो दे जनेरियो उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आता है। यहाँ का मौसम भारत की तरह तेज़ बदलाव वाला नहीं है, लेकिन बारिश नियमित रूप से होती रहती है।

सितंबर के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान 21–25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18–20 डिग्री सेल्सियस रहता है।

सुबह हल्की फुहारें या बौछारें आम बात हैं, जबकि दिन में कभी धूप तो कभी बादल छा जाते हैं।

यहाँ बारिश अक्सर सौम्य और धीरे-धीरे होती है, जो उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को हरा-भरा बनाए रखती है।

ब्राज़ील की जलवायु को “उष्णकटिबंधीय मॉनसून” कहा जा सकता है, लेकिन यहाँ का मॉनसून भारत जैसा शक्तिशाली और खतरनाक नहीं होता। यह नमी और तापमान का संतुलन बनाए रखता है।

ऑस्ट्रेलिया – समुद्री हवा और हल्की बारिश


ऑस्ट्रेलिया का मौसम भारत और ब्राज़ील से अलग है। सिडनी जैसे शहर दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित हैं, जहाँ समुद्री हवा (Sea breeze) मौसम को प्रभावित करती है।

सितंबर में यहाँ अधिकतम तापमान 20–28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10–17 डिग्री सेल्सियस रहता है।

शुरुआती दिनों में धूप और गर्मी महसूस होती है, लेकिन बीच-बीच में हल्की बारिश और ठंडी हवाएँ चलती हैं।

यहाँ का मौसम मॉनसून से ज्यादा "फ्रंटल सिस्टम" और समुद्री हवाओं से नियंत्रित होता है।

हालाँकि, ध्यान देने योग्य बात यह है कि उत्तरी ऑस्ट्रेलिया (डार्विन, केर्न्स) में नवंबर से मार्च तक भारी मॉनसून बारिश होती है, लेकिन सिडनी जैसे दक्षिणी शहरों में इसका असर कम दिखाई देता है।

तुलनात्मक दृष्टिकोण

देश / शहर

 तापमान (औसत)

बारिश का प्रकार

मुख्य विशेषता

भारत (गाज़ियाबाद)

   32–33°C

गरज-चमक के साथ बौछारें          

  मॉनसून पर निर्भर कृषि और जीवन

ब्राज़ील (रियो)

   21–25°C

सौम्य बारिश, हल्की बौछारें

   उष्णकटिबंधीय जलवायु, संतुलित बारिश

ऑस्ट्रेलिया (सिडनी)   

   20–28°C

हल्की बारिश और समुद्री हवाएँ

  मॉनसून प्रभाव कम, समुद्री जलवायु


निष्कर्ष


बारिश हर देश में अलग अंदाज़ में देखने को मिलती है। भारत में यह कृषि और जीवन का आधार है लेकिन कई बार आपदा भी बन जाती है। ब्राज़ील में यह धीरे-धीरे और संतुलित रूप में होती है, जिससे पर्यावरण को स्थिरता मिलती है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के सिडनी जैसे शहरों में बारिश का असर हल्का होता है और यह मुख्य रूप से समुद्री हवाओं और मौसमी बदलावों पर निर्भर करती है।

इससे साफ होता है कि बारिश केवल पानी बरसने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि हर देश की संस्कृति, जीवनशैली और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली एक बड़ी प्राकृतिक शक्ति है।

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