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Shetland Wool: Heritage, Quality, and Global Reach

Shetland wool is one of the most cherished natural fibers in the world, originating from the Shetland Islands of Scotland, a remote archipelago located in the North Atlantic. The harsh climate and rugged landscape of these islands shaped the Shetland sheep into a hardy breed, producing fine, soft, and warm wool that has been admired for centuries. Origins and Characteristics The Shetland sheep is a small, resilient breed known for its ability to thrive in tough environments. Its wool is celebrated for being soft, lightweight, and warm, with an average fiber diameter of 20–30 microns. Unlike coarser wools, Shetland wool strikes a balance between durability and comfort, making it suitable for both everyday wear and high-quality knitwear. It is available in a wide variety of natural colors—from pure white and moorit (reddish-brown) to grey, black, and fawn—offering artisans an extensive palette without the need for synthetic dyes. Historical Importance Knitting and weaving with Shetland w...

Surya Grahan


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सूर्य ग्रहण, जिसे हिंदी में सूर्य ग्रहण या संक्षेप में Surya Grahan कहते हैं, एक अद्भुत खगोलीय घटना है—जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य का कुछ हिस्सा या पूरी तरह से ढक लेता है। यह तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य की दिशा पृथ्वी से एक सीध में हो जाती है।

2025 में सूर्य ग्रहण की तारीखें और भारत में दृश्यता

2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण होंगे—दोनों ही पार्शियल (आंशिक) होंगे, अर्थात् सूर्य का केवल एक भाग ही ढकेगा और भारत से ये दिखाई नहीं देंगे:

29 मार्च 2025 (Partial Solar Eclipse)

वैश्विक प्रारंभ: 2:20–2:21 PM IST

अधिकतम ग्रहण: लगभग 4:17 PM IST

समाप्ति: करीब 4:13–4:14 PM IST

कुल अवधि: लगभग 4 घंटे

भारत में दिखाई नहीं देगा The Indian ExpressThe Times of IndiaTime and DateEncyclopedia Britannica

21 सितंबर 2025 (Partial Solar Eclipse)


भारत में दिखाई नहीं देगा

दृश्यता: पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिणी प्रशांत, अंटार्कटिका में होगी

प्रारंभः लगभग 11:00 PM IST, समापनः लगभग 3:24 AM IST (22 सितम्बर को) The Economic TimesTime and DateWikipediaNASA ScienceEncyclopedia Britannica

निष्कर्ष:

 भारतवासी इन ग्रहणों को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देख पाएंगे, इस कारण ‘सुतक’ काल (जो ग्रहण से पूर्व और पश्चात धार्मिक अनुष्ठान संबंधी होता है) भारत में लागू नहीं होगा—क्योंकि यह तभी माना जाता है जब ग्रहण वहाँ दिखाई देता है Samayam TeluguIndiatimesThe Economic Times.

एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम ग्रहण कितने हो सकते हैं?


एक वर्ष में सूर्य और चंद्र ग्रहण की कुल संख्या साल-दर-साल बदल सकती है। जानिए यहाँ इसकी सीमा और वितरण:

न्यूनतम: 4 ग्रहण (2 सूर्य + 2 चंद्र)

शक्तिशाली अधिकतम: 7 ग्रहण (सूर्य और चंद्र दोनों मिलाकर)

उदाहरण: वर्ष 2038 में कुल 7 ग्रहण होंगे EarthSkyTime and DateWikipedia

सूर्य ग्रहण के संदर्भ में:

एक कैलेंडर वर्ष में कम से कम 2 और अधिकतम 5 सूर्य ग्रहण हो सकते हैं NASA EclipseWikipediaEncyclopedia Britannica

वास्तविकता में 5 सूर्य ग्रहण वाली वर्षें बहुत दुर्लभ हैं—ऐसा आख़िरी बार 1935 में हुआ था और अगली बार 2206 में होगा TravelQuest InternationalWikipedia

चरण-विषमता (Eclipse Season):


ग्रहण तभी संभव हैं जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की स्थिति लगभग एक ही विमान (node) पर हो—जहाँ चंद्रमा का ग्रहणीय मार्ग (node) पार हो।

प्रत्येक ग्रहण-सीज़न लगभग 31–37 दिनों का होता है। इस अवधि में आमतौर पर 2 या 3 ग्रहण होते हैं—एक सूर्य ग्रहण (नए चंद्रमा पर), एक चंद्र ग्रहण (पूर्ण चंद्रमा पर) और कभी-कभी फिर से सूर्य ग्रहण Wikipedia

इस तरह, यदि एक ग्रहण-सीज़न वर्ष की शुरुआत में शुरू हो जाए, तो वर्ष में दो से अधिक ऐसे सीज़न संपन्न हो सकते हैं और कुल 7 ग्रहण संभव हो जाते हैं Wikipedia+1.

2025 में कुल ग्रहणों की संख्या

29 मार्च: Partial Solar Eclipse

14 मार्च: Total Lunar Eclipse

7-8 सितंबर: Total Lunar Eclipse

21 सितंबर: Partial Solar Eclipse

=> कुल मिलाकर: चार ग्रहण (2 सूर्य + 2 चंद्र) होंगे Time and DateEncyclopedia BritannicaFarmers' Almanac.

सरल भाषा में संक्षेप

क्या है सन् 2025 के सूर्य ग्रहण?

29 मार्च और 21 सितम्बर को दो आंशिक सूर्य ग्रहण होंगे—दूसरा तो रात भर रहेगा लेकिन दोनों ही भारत से नहीं दिखेंगे।

एक साल में अधिकतम ग्रहण कितने हो सकते हैं?

कुल ग्रहण (सूर्य + चंद्र): 7

सिर्फ सूर्य ग्रहण: 5 (बहुत दुर्लभ)।

क्यों ऐसा होता है?

क्योंकि ग्रहण तभी होते हैं जब चंद्रमा की कक्षा और सूर्य पृथ्वी के दृष्टिकोण से ठहरते हैं—प्रत्येक ग्रहण-सीज़न में 2–3 ग्रहण हो सकते हैं।

2025 में कुल कितने ग्रहण?

4 ग्रहण — दो सूर्य, दो चंद्र।

निष्कर्ष

2025 खगोलीय दृष्टि से एक शांत वर्ष है—क्योंकि भारत से कोई सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। लेकिन यदि आप खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं, तो यह जानना रोमांचक है कि इतने स्पेसिफिक ग्राफ़ और गणनाएँ कैसे तय होती हैं। ज़्यादा जानने या अगली बार जब कोई ग्रहण भारत से दिखाई दे—उसकी जानकारी चाहें—तो मैं साथ हूँ!

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